हर शाम आठ बजे आता है मेरा दूधवाला
सर्दी हो या बर्षा, या हो मौसम सुहाना|
चाय अद्रकवाली या दही हर रोज बनता
एक रोज न आने से सब कुछ उल्टा-पूल्टा|
बोला एक दिन उसे, भाई नम्बर बता अपना
नम्बर लिया, फिर पुछा , क्या नाम लिखूँ तेरा?
हँस कर बोला, वह भोला-भाला, लिख दो दूधवाला
मैंने पूछा, अरे भाई , कुछ नाम भी तो तेरा होगा ?
कहा उसने , नामसे क्या होता, हूँ मैं दूधवाला,
फिर भी अगर चाहते हो, गोपाल नाम है मेरा |
चला गया वह गाड़ी चलाके, मैं सोच में डूबा,
लोगों के लिये वह है सिर्फ एक दूधवाला|
शायद किसीने नाम भी नहीं पुछा होगा उसका,
ह्म भी भूल जाते हैं, नाम होता है दूधवाला का|
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